Saturday 17 January 2009

माँ तुम्हारा साथ

कुछ तो बात है , कुछ है तो,
आँखे बंद करो और फिर देखो ,
माँ के साथ ये दुनिया सारी सारी,

वो आँखों में चमक , वो मीठी सी मुस्कान ,
वो हर वक्त रहना बेचैन और परेशान ,
सोचो और फिर देखो दुनिया कैसी है ,
उसके बिना सब अधुरा , सब बेजान ,


अब तो बस ये चाह है ,कब उससे मिलेंगे ,
कब सुन सकेंगे उसकी बातें ,
और पूछेंगे कियु किया तुमसे ऐसा ,
क्या मेरी गलती इतनी बड़ी थी ,
छोड़ दिया अकेला मुझे ,बातें सब अधूरी ,
कहना था अभी सारी बातें जो थी जरुरी ।

हर वक्त तुम्हारा साथ ,
ये मत समझना , तुम ऐसे ही चली जाओगी ,मेरि ज़िन्दगी से,
आऊंगा हर जनम में तुम्हारे ही पास ,

समझ नही आता कैसे तुम्हे वापस बुला लू,
सावित्री की तरह यमराज को मना लू,
बस एक बार वापस कर दो मरी माँ ,
और ले लो हमसे ये सारा जहाँ ,

इससे अच्छा तो कुछ याद ही न रहता ,
कौन आपना और कौन पराया ,
कम से कम ये तो तसल्ली होता,
की तुम हो अच्छे से कही पे,
और माँ , मै यही सोच कर सोता

Written By Me

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