Sunday 22 March 2020

कैसे हुआ

हसता रहता हूँ
तुझसे मिलकर क्यूँ आजकल
बदले बदले हैं
मेरे तेवर क्यूँ आजकल

आखें मेरी हर जगह
ढूंढे तुझे बेवजह
ये मैं हूँ या कोई और है
मेरी तरह..
कैसे हुआ..
तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ

मैं बारिश की बोली
समझता नहीं था
हवाओं से मैं यूँ
उलझता नहीं था..

है सीने में दिल भी
कहाँ थी मुझे ये खबर

कहीं पे हो रातें
कहीं पे सवेरा
आवारगी ही रही साथ मेरे
ठहर जा ठहर जा ये कहती है तेरी नज़र

क्या हाल हो गया है
ये मेरा..

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