Sunday 4 January 2015

ओ रंगरेज़

This song is wonderful . "Bhag milkha bhag " .
Today morning , when I switched on the TV , this was the 1st song  I heard . It reminded me of Maa , and her love for papa .

ओ रंगरेज़ तेरे रंग दरिया में 
डूबना है बस तेरा बन के 
हाय नहीं रहना दूजा बन के 

एक भी सांस अलग नहीं लेनी 
खींच लेना प्राण इस तन के 
हाय नहीं रहना दूजा बन के 

अपने ही रंग में मुझको रंग दे 
धीमे धीमे  रंग में मुझको रंग दे 
सुन्धे सुन्धे रंग में मुझको रंग दे
रंग  देना रंग देना रंग दे..ना..

घुंघरू है तू मैं तो हूँ पाँव पिया 
छानना ना ना 
पीपल तू मैं तो हूँ छाँव पिया 
तभी हूँ मगन 

नैनों में बसे ख़्वाब तेरे लहराए 
झलके छलके छलके रे 
पर से हल्के हल्के 
अपने ही रंग में 

माला में आ तुझको पीरों लूं 
तुझे पहनू साजन 
होठों में आ सरगम सा बोलूं 
तुझे रट लूं साजन

No comments:

Post a Comment