सपने थे , जाने कितने ,
पता नही कहा खो गए ,
जैसे समय के साथ बह गए ,
सोचा था माँ के साथ रहेंगे ,
कुछ खट्टी मीठी बात करेंगे ,
कुछ छेड़ छाड़, कुछ तकरार ,
पर पता न था ,
न हो सकेगा ये सपना साकार ,
आधा आधुरा सा ये जीवन ,
अब कभी न हो सकेगा पुरा ,
जब तुम ही न रहे मेरे पास ,
कौन सुने अब मेरी आवाज़ ,
written by me