Saturday 3 February 2018

रोने ना दिया

इश्क़ में ग़ैरत ए जज़्बात ने रोने ना दिया
वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने ना दिया
आप कहते थे के रोने से ना बदलेंगे नसीब
उम्र भर आप की इस बात ने रोने ना दिया
रोने वालों से कह दो उनका भी रोना रोलें
जिन को मजबूरिय ए हालात ने रोने ना दिया
तुझ से मिलकर हमें रोना था बोहत रोना था
तंग ए वक़्त ए मुलाक़ात ने रोने ना दिया
एक दो रोज़ का सदमा हो तो रोलें "फ़ाकिर"
हैम को हर रोज़ के सदमात ने रोने ना दिया

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