Maa ....miss you
Sunday 30 July 2017
Maa ..I Miss You
Thursday 27 July 2017
Saturday 1 July 2017
शायद
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले
किताब-ए-माज़ी* के पन्ने उलट के देख ज़रा
न जाने कौन-सा पन्ना मुड़ा हुआ निकले
न जाने कौन-सा पन्ना मुड़ा हुआ निकले
जो देखने में बहुत ही क़रीब लगता है
उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले
उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले
* किताब-ए-माज़ी : अतीत की पुस्तक
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले
किताब-ए-माज़ी* के पन्ने उलट के देख ज़रा
न जाने कौन-सा पन्ना मुड़ा हुआ निकले
न जाने कौन-सा पन्ना मुड़ा हुआ निकले
जो देखने में बहुत ही क़रीब लगता है
उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले
उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले
* किताब-ए-माज़ी : अतीत की पुस्तक
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले
किताब-ए-माज़ी* के पन्ने उलट के देख ज़रा
न जाने कौन-सा पन्ना मुड़ा हुआ निकले
जो देखने में बहुत ही क़रीब लगता है
उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले
* किताब-ए-माज़ी : अतीत की पुस्तक
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